Gupt Navratri : गुप्त अनुष्ठान, साधना और आत्मिक शांति का अवसर प्रदान करता है गुप्त नवरात्रि, जून के इस तारीख से शुरु हो रहे हैं नवरात्रि
Gupt Navratri 2025 : गुप्त नवरात्रि न केवल धार्मिक पर्व है बल्कि यह आध्यात्मिक और तांत्रिक शक्तियों को जागृत करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में जगत जननी के नौ रूपों के साथ उनकी दस महाविद्याओं का पूजन करने का विधान है। सामान्य नवरात्रि की तरह इस नवरात्रि में भी व्रत उपवास रखने के साथ पूजा-पाठ किया जाता है। इस दौरान शक्तिपीठ में दर्शन करने के लिए भक्तों का भारी जनसैलाब उमड़ा शुरु हो जाता है। जहां वे माता की आराधना कर सुख-समृद्धि, शांति और सिद्धियों की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
मां काली की दस महाविद्याओं की गोपनीय तरीके से पूजा की जाती है इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है
गुप्त नवरात्रि का महत्व
गुप्त नवरात्रि सामान्य नवरात्रि से थोड़ी सी भिन्न होती है। जहाॅं चैत्र, अश्विन नवरात्रि में मां दुर्गा की सार्वजनिक तरीके से पूजा पाठ की जाती है। वहीं माघ, आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि में मां काली की दस महाविद्याओं की गोपनीय तरीके से पूजा की जाती है, इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस नवरात्रि में तंत्र-मंत्र, तांत्रिक विधियों के लिए विशेष तरीके की पूजा-पाठ की जाती है।
दस महाविद्याओं का होता है पूजन
गुप्त नवरात्रि का महत्व साधना और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर भी होता है। इस नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से तंत्र साधना और गुप्त अनुष्ठान किए जाते हैं, जिन्हें बहुत ही गोपनीय रखा जाता है। कहा जाता है कि इन दिनों मां दुर्गा 10 महाविद्याओं के रूप में प्रकट हुई थीं, जिनकी साधना करने से अद्भुत शक्ति की प्राप्ति होती है।
गुप्त नवरात्रि आरंभ और समापन तिथि
गुप्त नवरात्रि साल में दो बार आती है एक बार माघ में और दूसरी आषाढ़ माह में। वर्ष 2025 में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत आषाढ़ माह में 26 जून दिन गुरुवार से शुरू होगी। जबकि इसका समापन 4 जुलाई दिन शुक्रवार के दिन होगा।