पांच दिनों तक चलने दीपावली त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है. इस दिन आयुर्वेद के ज्ञाता यानी देवों के वैद्य भगवान धन्वंतरि जी का प्रादुर्भाव हुआ था.
Dhanteras 2025 : पांच दिनों तक चलने दीपावली त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस दिन आयुर्वेद के ज्ञाता यानी देवों के वैद्य भगवान धनवंतरी जी का प्रादुर्भाव हुआ था। उनके हाथ में अमृत कलश था। जिसमें संजीवनी रूपी जीवनशक्ति बढ़ाने वाला अमृत था। धनवंतरी विश्व का पालन करने वाले श्री हरि विष्णु के स्वरूप हैं। तो वहीं दूसरी ओर धनतेरस से लगातार पांच दिन यम को प्रसन्न करने के लिए दीप जलाए जाते हैं। यम अर्थात मृत्यु के देवता यमराज। धनतेरस के दिन यमराज को प्रसन्न करने के लिए यमुना स्नान किया जाता है। जो इस दिन स्नान करके दीप दान करते हैं उनकी कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है। यदि यमुना के तट पर जाकर स्नान नहीं कर सकते तो घर पर ही स्नान करते समय यदि यमुना जी का स्मरण भी कर ले तो यमराज प्रसन्न होते है।
यह सब असामयिक मृत्यु के बंधन से मुक्ति के लिए किया जाता है। जीवन एक प्रकार का धन है। जीवन सुरक्षित रखने के लिए ही धनतेरस के दिन यम को प्रसन्न करना बहुत जरूरी है। आइए जानते है ऐसे ही कुछ सरल उपाय जिससे भगवान धन्वंतरि प्रसन्न होकर आरोग्य देंगे और यम अकाल मृत्यु को टाल देंगे।
धनतेरस की रात आटे का दीपक बनाना चाहिए, यदि आटे का दीपक बनाने में असुविधा हो तो मिट्टी का दीपक लें और उसमें तेल भर लें। फिर इसमें दो लम्बी रुई की बत्तियां प्लस के आकार में रखें। जिससे चार सिरे जलाने के लिए बन जाएंगे। यह चारों ही धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का द्योतक हैं। यह दीपक शाम को घर के दरवाजे पर रखें । यदि आप फ्लैट में रहते हैं तो अपने फ्लैट के मेन दरवाजे पर बाहर की तरफ रखें, और यदि आपका घर भूमि पर है तो अपने मकान के मुख्य द्वार पर रखें ।
धनतेरस के दिन श्री विष्णु को प्रसन्न करने के लिए विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करा चाहिए। श्री नारायण जी को भोग भी लगाना अनिवार्य है। धनतेरस के दिन खीर बनाकर भोग लगाना चाहिए।
एक विशेष बात ध्यान रखनी चाहिए कि यदि आपने कोई नया बर्तन खरीदा है तो उसी में उनको खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से घर परिवार में सुख समृद्धि प्राप्त होती है। -धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य दरवाजे पर ॐ व स्वास्तिक बनाने से घर में लक्ष्मीजी (धन) का आगमन बना ही रहता है।