Vastu Tips : क्या आप घर में हर जगह भोजन करते हैं ? तो हो जाएं सावधान ! वरना दुखी कर देगा रोग

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क्या आप घर में हर जगह भोजन करते हैं ? तो हो जाएं सावधान ! वरना दुखी कर देगा रोग

Vastu Tips : भोजन केवल स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि उत्तम सेहत के लिए भी किया जाता है। लंबी आयु, निरोगी, काया, चमकती त्वचा जैसे तमाम विचारों को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति बैलेंस डायट के साथ नियमित दिनचर्या का पालन करता है। लेकिन कभी-कभी संतुलित और पौष्टिक आहार लेने के बाद भी हमारा शरीर कई तरह की बीमारियों की गिरफ्त में आने लगता है। ऊर्जा स्तर का कम होना, सुस्ती छाए रहना, कमजोरी महसूस होना इतना ही नहीं व्यक्ति शारीरिक बीमारियों के साथ मानसिक रोग अवसाद, तनाव जैसी बीमारियों से धीरे धीरे जकड़ने लगता है। वास्तुशास्त्र में भोजन पकाने, परोसने से लेकर उसे ग्रहण करने तक के नियमों के विषय में विस्तार से बताया गया है। गलत दिशा में बैठकर और गलत तरीके से भोजन करने से भी व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से परेशान होने लगता  है। आइए गलत तरीके से भोजन करने से पड़ने वाले शारीरिक प्रभाव को विस्तार से जानते हैं-

वास्तुअनुसार भोजन करने के लिए उत्तर दिशा को उत्तम माना गया है
वास्तुअनुसार भोजन करने के लिए उत्तर दिशा को उत्तम माना गया है

इस दिशा में करें भोजन 

वास्तुअनुसार भोजन करने के लिए उत्तर दिशा को उत्तम माना गया है। उत्तर दिशा से सकारात्मक ऊर्जा आती है। इस दिशा में भोजन करने से शारीरिक और मानसिक सेहत अच्छी बनी रहती है। व्यक्ति प्रसन्न रहता है और उसमें काम करने की इच्छा जाग्रत होती है।

यहां पर भोजन करने से आता है रोग

भोजन करने का उद्देश्य केवल पेट को भरना नहीं होता बल्कि पौष्टिक तत्वों को ग्रहण करना होता है ताकि उससे शरीर को ऊर्जा प्राप्त हो किंतु यदि आप बेड पर बैठकर खाना खाते हैं तो वह खाना पुष्टिवर्धक नहीं होता। बेडरूम में भोजन करने से धन की देवी मां लक्ष्मी नाराज होती है, साथ ही 

गलत बर्तनों का न करें प्रयोग

ऊर्जा का मुख्य स्रोत आहार है। इसलिए भोजन पकाने के साथ उसे किस पात्र में परोसा जा रहा है, इस बात का भी ध्यान रखना बेहद जरुरी होता है। भोजन परोसने के लिए टूटे फूटें, चिटके हुए बर्तनों  का प्रयोग करने से बचना चाहिए। टूटे और चिटके बर्तन दरिद्रता की निशानी है।

भोजन की न करे निंदा

भोजन में मां अन्नपूर्णा का वास होता है, इसलिए सदैव अन्न सत्कारपूर्वक खायें। न केवल ज्योतिषीय बल्कि वैज्ञानिक मान्यता के आधार पर भी भोजन जैसा भी उसे प्रसन्न मन के साथ ग्रहण करना चाहिए। बेमन के साथ भोजन करने पर भोजन के पौष्टिक  रसायन विषाक्ता में बदल जाते हैं।

थाली में झूठा भोजन न छोड़े

जब भी भोजन करने बैंठ तो अपनी क्षमतानुसार ही थाली में भोजन परोसने का प्रयास करें। झूठा भोजन थाली में  छोडने से मां अन्नपूर्णा देवी के साथ मां लक्ष्मी का भी अपमान होता है।

किस दिशा में न करें भोजन 

वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा यम की दिशा होती है, इस दिशा की ओर भोजन करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है. साथ ही राहु और यमराज के कुप्रभाव भी प्राप्त होते हैं।

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