Ganga Dussehra : होना चाहते है पापमुक्त, तो गंगा दशहरा के दिन जरूर कर लें यह उपाय, पापों से मुक्ति के साथ अन्य समस्याओं से भी मिलेगा छुटकारा

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Ganga Dussehra : मां भगवती गंगा के पृथ्वी पर प्रकट होने के दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है, जिसका उल्लेख कई पुराणों में मिलता है। इस वर्ष गंगा दशहरा का पर्व 05 जून गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। माना जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने के बाद अन्न, वस्त्र आदि का दान, तप व उपवास किया जाए तो मनुष्य के दस प्रकार के पाप नष्ट होते हैं। कई ग्रंथों में मां गंगा के प्रभाव और महत्व का वर्णन किया गया है। मां गंगा के अवतरित होने से लेकर उनके महत्व के विषय में गहराई से जानते हैं। 

गंगा अवतरण की कथा

महान राजा सगर के 60,000 पुत्र थे, जिन्होंने कपिल मुनि के आश्रम में अश्वमेघ यज्ञ के लिए अश्व चुराने का प्रयास किया। जब वे वहां पहुंचे, तो उन्होंने मुनि का अपमान किया, जिसके परिणामस्वरूप उनके क्रोधाग्नि में वे भस्म हो गए। राजा सगर के पुत्रों के मोक्ष के लिए भागीरथ ने कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने कहा कि गंगा का अवतरण ही उन्हें मोक्ष दिला सकता है। लेकिन गंगा का वेग इतना प्रचंड था कि पृथ्वी इसे संभाल नहीं पाती। भागीरथ ने तब भगवान शिव की तपस्या की, उन्होंने अपनी जटाओं में गंगा को समाहित कर लिया और धीरे-धीरे उन्हें पृथ्वी पर आने का मार्ग दिया। गंगोत्री से गंगासागर तक की यात्रा में गंगा ने पाताल का स्पर्श किया, जिससे सगर के पुत्रों का उद्धार हुआ।

गंगा दशहरा के दिन 10 वस्तुएं क्यों जरूरी

दशहरा यानी दशमी के दिन मां गंगा का पृथ्वी पर आगमन हुआ था इसलिए उन्हें कोई भी वस्तु 10 की संख्या में अर्पित की जाती है। 

गंगा दशहरा के दिन दस प्रकार की वस्तुएं, दस दीपक, और दस प्रकार के फल मां गंगा को अर्पित करने चाहिए। इस दिन नदियों में दस डुबकियां लगानी चाहिए और दस ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। ऐसा करने से कई जन्मों के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

मां गंगा के स्नान से सभी क्लेश होंगे दूर

  • इस प्रकार, गंगा दशहरा एक महत्वपूर्ण पर्व है जो न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करता है, बल्कि आध्यात्मिक लाभ भी प्रदान करता है।

  • मानसिक तनाव अधिक चल रहा हो, घर में भी समस्याओं का समाधान न मिल रहा हो तो पूरे परिवार के सहित इस दिन  जरुर गंगा स्नान करना चाहिए। 

  • कोई बड़ा और महत्वपूर्ण कार्य निपटने के बाद गंगा स्नान का विशेष महत्व है, ऐसा करने से आपने जो भी अपने कार्य को पूर्ण किया है, वह पुण्य प्राप्ति की ओर ले जाते हैं। 

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