Dharam : भीम की शरारतों से तंग आकर दुर्योधन ने बदला लेने की बनायी अनोखी योजना, जानिए उसके मन की बात

0
111
भीम की शरारतों से तंग आकर दुर्योधन ने बदला लेने की बनायी अनोखी योजना।

Dharam : हस्तिनापुर आने के बाद पांडवों के वैदिक संस्कार कराए गए, जंगल से राजमहल में आने के बाद वे दुर्योधन और अन्य भाइयों के खेलते कूदते हुए बड़े होने लगे। भीम अपनी शक्ति के बल पर दौड़, निशाना, भोजन करने, धूल उड़ाने आदि सभी प्रतियोगिताओं में दुर्योधन सहित सभी धृतराष्ट्र पुत्रों को हराने में जरा भी देर नहीं लगाते बल्कि आनंद का अनुभव भी करते थे। कई बार तो भीमसेन की पकड़ में जो आ जाता उनका सिर पकड़ कर एक दूसरे के साथ टकराने में मजा लेते। इतना ही नहीं भीमसेन उन्हें बाल पकड़ कर जमीन पर घसीटते और रगड़ लगने के कारण वो सब चुटहिल हो जाते। 

भीम की बाल सुलभ शरारतें

विरोध न हो पाने से धीरे-धीरे भीम की शरारतें बढ़ने लगीं, यहां तक कि किसी पेड़ पर लगे फलों को तोड़ने के लिए दुर्योधन और उनके भाई पेड़ पर चढ़ते तो भीम उसके तने को पकड़ कर हिला देते जिससे वो लोग फल सहित नीचे गिर जाते और भीम ताली बजाकर आनंदित होते। कुश्ती में तो उनका कोई मुकाबला ही नहीं कर पाता था। यह सारी हरकतें वे बाल सुलभ स्वभाव के कारण करते लेकिन दुर्योधन और उसके भाइयों को लगता कि यह सब भीम जानबूझ कर उन लोगों को नीचा दिखाने के लिए करता है। 

जल विहार का रखा प्रस्ताव

भीम के प्रति दुर्योधन के मन में इस तरह का विचार आते ही उसका दिमाग कुछ योजना बनाने में जुट गया। इसके लिए उसने तय किया कि किसी दिन बगीचे में खेलते समय भीम को जबरन गंगा नदी में डाल दें और उसके भाई युधिष्ठिर तथा अन्य को कैद कर लें। बस ऐसा विचार मन में आते ही दुर्योधन एक घातक योजना बनाने में जुट गया। दुर्योधन ने गंगा नदी में जल विहार करने का प्रस्ताव रखा और गंगा के तट पर प्रमाण कोटि स्थान पर खेमे लगवा दिए। उन खेमों को अच्छी तरह से सजाया गया क्योंकि वहां रुकने वाले सभी राजकुमार थे। यहां तक कि कुशल रसोइए भी भेजे गये ताकि राजकुमारों की रुचि के अनुरूप भोजन बन सके।

    

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here