vastu tips : ईशान कोण में जल कुंड से पाएं सुख-संपत्ति और समृद्धि—जानिए कैसे जलधारा और गाय से जुड़े उपाय लाते हैं घर में शुभता

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Vastu Tips: ईशान कोण को वास्तु शास्त्र में विशेष महत्व प्राप्त है, इसे पूजा स्थल, उपासना स्थान, और देव स्थापना का सबसे उपयुक्त स्थान माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कोण में जल से भरा कुंड या जल स्रोत रखने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है? आइए विस्तार से समझें कि जलधारा और गाय से जुड़े उपाय किस प्रकार से आपके घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली ला सकते हैं.

ईशान कोण में जल स्रोत का महत्व

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का ईशान कोण देव स्थान के लिए सबसे शुभ होता है. यही वह स्थान है जहां जलधारा का केंद्र होना अत्यंत लाभकारी माना गया है. यदि इस स्थान पर जल से भरा कुंड या हौज रखा जाए तो यह परिवार के लिए अपार शुभता लाता है. यह स्थान भगवान शिव से जुड़ा हुआ है और इसे गंगोद्भव तुल्य माना जाता है, जो जीवन में धन और समृद्धि के स्रोतों को हमेशा सक्रिय बनाए रखता है.

जल स्रोत से जुड़े वास्तु उपाय

ईशान कोण में जल स्रोत को हमेशा भरा हुआ रखना चाहिए. यदि इस जल का उपयोग किया जाए तो उसे पुनः भरते रहना अनिवार्य है. इस प्रकार का जल स्रोत न केवल घर में खुशियों का संचार करता है, बल्कि वास्तु के अनुसार इसे संपन्नता का मुख्य आधार भी माना जाता है. 

वरुण दिशा और ईशान कोण का फर्क

जबकि जलधारा के लिए वरुण या पश्चिम दिशा भी उपयुक्त मानी जाती है, परंतु ईशान कोण को सर्वाधिक लाभकारी माना गया है. यहां स्थित जल स्रोत परिवार में खुशहाली और आर्थिक संपन्नता का कारक होता है.

ईशान कोण में गाय बांधने के लाभ

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण में गाय को बछड़े सहित बांधने का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा करने से घर के सभी कार्य बिना बाधा के सफल होते हैं. दकार्गल विद्या में भी इस क्षेत्र की जलधारा को ‘शंकरी’ कहा गया है, जो मीठे जल और अल्पदाब से जलापूर्ति में सहायक होती है. यदि गाय को कुछ दिनों तक इस क्षेत्र में रखा जाए, तो यह न केवल शुभ फल देता है बल्कि आपके घर को हर प्रकार की विपत्ति से बचाता है.

मयमतं ग्रंथ के अनुसार उपाय

प्राचीन वास्तु ग्रंथ मयमतं में भूमि चयन के साथ ही ईशान कोण में जल स्रोत के समीप सवत्सा गाय को बांधने का निर्देश दिया गया है. इस क्षेत्र में चांदी की छोटी मछली, शंख, मकर, कलश, कल्पवृक्ष और चांदी का कूर्म बनाकर पूजा करने के बाद जल से भरे कुंड में रखने से अद्भुत लाभ मिलते हैं. 

तुलसी और बिल्व वृक्ष का महत्व

यदि ईशान कोण में जल स्रोत के साथ-साथ तुलसी और बिल्व वृक्ष भी हों, तो यह शुभता को और भी बढ़ा देता है. यह संयोजन सोने पर सुहागा जैसा होता है, जो हर प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा को आपके घर में स्थायी रूप से बनाए रखता है.

ईशान कोण में जल स्रोत, सवत्सा गाय, और तुलसी-बिल्व वृक्ष जैसे उपायों से न केवल आपका घर सुख-संपत्ति से भर जाता है, बल्कि यह वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करता है. इन उपायों को अपनाकर आप अपने घर को खुशहाल और समृद्ध बना सकते हैं.

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