Solar Eclipse : नवरात्रि से पहले आया सूर्य पर संकट!, क्या सूतक की वजह से लगेगा नवरात्रि की तैयारी पर ब्रेक, जाने क्या होंगे इसके परिणाम?

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Solar Eclipse,, SHAHSIHSEKHAR TRIPATHI, VEDEYE WORLD
चैत्र मास की अमावस्या तिथि 29 मार्च शनिवार के दिन होगा। यह एक खण्डग्रास सूर्यग्रहण है।

Solar Eclipse 2025 : हिंदू कैलेण्डर के अनुसार इस वर्ष का आखिरी ग्रहण लगने जा रहा है, जोकि चैत्र मास की अमावस्या तिथि 29 मार्च शनिवार के दिन होगा। यह एक खण्डग्रास सूर्यग्रहण है। चैत्र नवरात्रि से नववर्ष का प्रारंभ माना जाता है, जिसकी तैयारी कई दिन पहले से शुरू होकर त्योहार आने के दिन तक जारी रहती है। इस बार नवरात्रि की तैयारी को लेकर लोगों के मन कई प्रश्न उठ रहे हैं, जिसका कारण ग्रहण के पहले लगने वाला सूतक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सूतक के समय से ही भगवान की मूर्ति का स्पर्श और अन्य धार्मिक कार्य वर्जित हो जाते हैं। ऐसे में नवरात्रि की तैयारी, मंदिर की साफ-सफाई कैसे की जाए इसे लेकर लोगों में शंका है। सूर्य पर आता हुआ संकट किस तरीके का परिणाम लाने वाला होगा? क्या नवरात्रि की तैयारियों पर लगेगा विराम, कब से कब तक होगा ग्रहण?  क्या करें ग्रहण के दौरान इन सभी जरूरी बातों को जानते हैं विस्तार से-

क्या करें ग्रहण के दौरान

जिन देशों में भी ग्रहण पड़ता है, वहां से जुड़े लोगों को ग्रहण के नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। सूर्य ग्रहण के ठीक 12 घंटे पहले सूतक लगता है। इस काल में भोजन, मनोरंजन, निद्रा, अन्य किसी भी तरह के कार्यों को करने की मनाही होती है लेकिन इसमें शिशु, वृद्ध और रोगी को छूट रहती है। इस दौरान घर में बैठ कर ईश्वर का चिंतन स्मरण और जाप कर सकते हैं। यदि जाप करने की अवस्था में नहीं है, तो भजन सुनने या गाने जैसा कार्य भी कर सकते हैं।

Solar Eclipse SHAHSIHSEKHAR TRIPATHI VEDEYE WORLD
सूर्य ग्रहण के स्पर्श मोक्ष का समय और असर

सूर्य ग्रहण के स्पर्श, मोक्ष का समय और असर

भारतीय समयानुसार 29 मार्च के दिन लगने वाले सूर्यग्रहण का स्पर्श समय दोपहर 02:20 है, जबिक मोक्ष सायं 06:13 पर होगा। सभी ग्रहण का असर 6 महीने तक रहता है लेकिन यदि इन 6 महीने के भीतर अगर कोई दूसरा ग्रहण पड़ जाता है, तो पहले वाले ग्रहण का असर समाप्त हो जाता है। 

इन देशों में होगा दृश्य

साल का आखिरी ग्रहण भारतीय भूभाग में नहीं दिखाई देगा। यह ग्रहण उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी अफ्रीका, यूरोप, आर्कटिक और अटलांटिक महासागर में खंड ग्रास रूप में दृश्य होगा। 

निश्चिंत रहें भारत में रहने  वाले 

भारत में दृश्य न होने के कारण इस ग्रहण का भारत से कोई संबंध नहीं है। जिस कारण यहां पर ग्रहण से संबंधित कोई भी यम, नियम या सूतक आदि मान्य नहीं होगा। जब सूतक ही नहीं लगेगा तो निश्चिंत  होकर नवरात्रि की तैयारी करें और हिंदू नववर्ष का स्वागत करें।

 

 

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