दीपावली के मौके पर सबसे अधिक ध्यान घर की सफाई और रंग रोगन पर दिया जाता है. अच्छी बात है, यह काम करना ही चाहिए क्योंकि गंदगी दरिद्रता का प्रतीक है और सफाई होने पर ही लक्ष्मी आती हैं. सफाई के बाद ध्यान दिया जाता है साज सज्जा पर. इसमें बिजली की रंग बिरंगी रोशनी से लेकर फूलों की सजावट, आर्टिफिशियल झालर फूल और स्टिकर भी शामिल होते हैं.
बदलते समय और तकनीकी के चलते सजावट के क्षेत्र में बहुत सी नई-नई चीजें बाजार में आने लगी हैं, इनका उपयोग भी धड़ल्ले से किया जा रहा है लेकिन एक चीज है जो सदियों पुरानी है और उसका प्रयोग आज भी किया जा रहा है, वह है मुख्य द्वार पर लगने वाला वंदनवार. यह अलग बात है कि वंदनवार में हर साल नए प्रयोग हो रहे हैं लेकिन कोई भी घर ऐसा नहीं होगा जहां मुख्य द्वार पर वंदनवार न लगाया जाए. यह देखने में खूबसूरत तो लगता ही है साथ ही आदि देव गणेश जी और माता लक्ष्मी का स्वागत भी करता है.
आम या अशोक के पत्तों का बनाएं वंदनवार, लगाएं फूलों की लड़ी

यूं तो बहुत से लोग आर्टिफिशियल फूलों का वंदनवार भी लगाते हैं किंतु ताजे फूलों और पत्तों के वंदनवार की बात ही कुछ और है. ताजे फूलों और आम अथवा अशोक के पेड़ की पत्तियों से वंदनवार बना कर लगाएं. माना जाता है कि इन पत्तों में सभी देवी देवताओं का वास होता है. इसे लगाने से जीवन में खुशियां, सफलता और समृद्धि का वास होता है. आर्टिफिशयल फूलों और पत्ती से सजाने की बहुत इच्छा हो तब भी ताजे फूलों और पत्तियों का वंदनवार जरूर लगाएं.
मध्य स्थान पर रंगोली से करें सजावट
घर का मध्य स्थान ही वास्तु के अनुसार ब्रह्म स्थान कहलाता है जहां पर रंगोली अवश्य बनानी चाहिए, रंगोली पूजा घर में बनाना भी उत्तम रहता है. रंगोली बनाने से पारिवारिक उन्नति भी होती है. दीपावली के अवसर पर कोशिश करनी चाहिए कि घर के अंदर और बाहर के हिस्से को अच्छी तरह प्रकाशवान किया जाए. इसके लिए मिट्टी का कच्चा दीपक अवश्य लेना चाहिए जिसे दीपावली की रात में घी से भर कर जलाएं, इसके अलावा बाहरी दीवारों पर तेल के दीपक भी जलाने चाहिए भले ही आपने बिजली की सजावट करा रखी हो. इसके अलावा बंदन को देसी घी में अच्छे से मिलाकर घर में कई जगहों पर स्वास्तिक एवं ओम लिखना चाहिए. इसको घर के दरवाजे पर अवश्य बनाना चाहिए.
पूर्वजों के चित्रों की भी रखें याद
एक खास बात और नोट कर लीजिए कि घर में जितने भी पूर्वजों की फोटो हैं, उन पर ताजे पुष्पों की माला पहनानी चाहिए, कम से कम दीपावली के दिन तो यह कार्य करना ही चाहिए, भले ही उनमें आर्टीफिशिल फूलों की माला पहना रखी हो.



