Vehicle’s Place : आपने स्कूटर, बाइक या कार तो खरीद ली, किंतु यदि इसे सही तरीके से पार्क नहीं किया, तो यह तनाव का कारण बन सकता है. इसलिए वाहन खरीदने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि उसे कहां और कैसे पार्क करना चाहिए. यदि आप अपने वाहन को सही दिशा और स्थान पर पार्क करते हैं, तो कई समस्याओं से बच सकते हैं. ध्यान रखें कि गैराज के सामने का रास्ता हमेशा साफ-सुथरा हो, ताकि वाहन बिना किसी रुकावट के आसानी से आ-जा सके. यदि वाहन निकालने में कोई रुकावट हो या रास्ता ऊबड़-खाबड़ हो, तो यह उन्नति के मार्ग में भी रुकावट पैदा करता है. गैराज की दीवारों के लिए सफेद, पीला या हल्के रंगों का उपयोग अच्छा माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, वाहन का गैराज भूखंड के आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) या वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में होना चाहिए.
वाहन केवल खड़ा रखने के लिए न खरीदें
वाहन तब सार्थक होता है, जब वह लगातार चलते रहे और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता रहे. इसका मतलब है कि वाहन का नियमित रूप से उपयोग होना चाहिए. यदि आपने वाहन सिर्फ दिखावे के लिए खरीदा है, लेकिन उसका उपयोग बहुत कम कर रहे हैं, तो यह वास्तु दोष का कारण बन सकता है. जिन लोगों का वाहन लंबे समय तक बिना उपयोग के खड़ा रहता है, उन्हें मानसिक तनाव और धन हानि का सामना करना पड़ता है.
वायव्य में वाहन खड़ा करना श्रेष्ठ
वाहन को वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) की दिशा में खड़ा करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. यदि वाहन गैराज वायव्य के पश्चिम में है, तो वाहन स्वामी की यात्राएं सुखद और सफल होती हैं. वाहन का उद्देश्य पूरा होता है, और वह काम करता रहता है. वाहन खड़ा करते समय ध्यान रखें कि उसमें बहुत अधिक ईंधन न हो, क्योंकि इस दिशा में अग्नि तत्व की प्रधानता होती है.
फर्श का ढलान उत्तर दिशा में रखें
गैराज के फर्श का ढलान उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. इसकी छत मुख्य भवन या चहारदीवारी को नहीं छूनी चाहिए. गैराज के चारों ओर कम से कम दो-तीन फुट चौड़ी खुली जगह होनी चाहिए. वाहन खड़ा करने के बाद उसके चारों ओर पर्याप्त जगह रहनी चाहिए.
इस दिशा में वाहन खड़ा करने से बचें
वाहन को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में कभी खड़ा न करें. इस दिशा में वाहन खड़ा करने से वाहन स्वामी को संतान संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. घर के बच्चों को मानसिक तनाव रह सकता है, और घर के मुखिया को महत्वपूर्ण निर्णय लेने में भ्रम हो सकता है.
इस ओर वाहन का मुंह रखें
वाहन खड़ा करते समय उसका मुंह हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें. ये ठंडी दिशाएं हैं, जिससे वाहन का इंजन जल्द ठंडा हो जाता है. यदि आप वाहन को दक्षिण या पश्चिम दिशा में मुंह करके खड़ा करते हैं, तो इन दिशाओं से आने वाली गर्म किरणों के कारण अग्नि संबंधी दुर्घटनाएं हो सकती हैं.