
Karveer Shakti Peeth : महाराष्ट्र के इस नगर में पांच नदियों का संगम होने के कारण इसे पंचगंगा नदी कहा जाता है, इसी नदी के तट पर बसा है एक मंदिरों का नगर में जिनमें सबसे प्रमुख है करवीर शक्तिपीठ. इसे अम्बा जी मंदिर भी कहा जाता है. माना जाता है कि इस शक्तिपीठ में माता का त्रिनेत्र गिरा था, यहां पर मां महालक्ष्मी का निज निवास माना जाता है. पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग या आभूषण वस्त्र आदि गिरे वहीं पर शक्तिपीठ स्थापित कर दिए गए. महाराष्ट्र की इस धार्मिक नगरी कोल्हापुर के बारे में देवी गीता धर्मग्रंथ में लिखा है, “कोलापुरे महास्थानं यत्र लक्ष्मीः सदा स्थिता” अर्थात कोल्हापुर वह स्थान हैं जहां पर मां लक्ष्मी सदा रहती हैं.
दैत्य के वध की कथा से जुड़ी है मां की कथा
करवीर क्षेत्र माहात्म्य तथा लक्ष्मी विजय ग्रंथों के अनुसार कौलासुर दैत्य ने देवों की आराधना और घोर तपस्या कर अजर अमर का वरदान प्राप्त कर लिया. तब भगवान ने इस वरदान के साथ शर्त लगा दी कि वह केवल स्त्री द्वारा ही मारा जा सकेगा. उसके अत्याचार बढ़े तो स्वयं विष्णु भगवान महालक्ष्मी के रूप में प्रकट हुए और शेर पर सवार हो कर उसे युद्ध के लिए ललकारा. युद्ध में उसको परास्त कर संहार किया तो उसने अपनी मृत्यु से पहले देवी से प्रार्थना की कि इस क्षेत्र को उसके नाम से जाना जाए. देवी ने ऐसा ही होगा बोला तभी से इस क्षेत्र को करवीर क्षेत्र कहा जाने लगा. देवी स्वयं भी वहां पर स्थित हो गयीं जो बाद में करवीर से कोलापुर फिर कोल्हापुर हो गया.
