बेटा-बेटी की शादी तय हो गयी है, तो गठबंधन के लिए शुभ तारीखों नोट कर लें , वरना शुभ मुहूर्त में फिर लग जाएगा विराम

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यदि आपके बेटा-बेटी का विवाह तय हो गया और आप किसी शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं, तो अब आपका इंतजार खत्म हो गया है. देव उठनी एकादशी 12 नवंबर दिन मंगलवार को है, इस दिन से शादी-विवाह, मुंडन,  ग्रह प्रवेश जैसे सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. आप भी नीचे दिए हुए मुहूर्त में अपने बेटा-बेटी के विवाह की शहनाई बजवा सकते हैं. 

चार माह तक श्री हरि रहते योग निद्रा में 

श्री हरि विष्णु 17 जुलाई 2024 को चार माह के लिए योग निद्रा में चले गए है. भगवान के विश्राम काल में यदि बैंड बाजा शहनाई धूम धड़ाका हो, तो फिर उनके शयन में बाधा पहुंचती है इसलिए प्रभु के जागने पर ही मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं. पुराणों के अनुसार चार माह की इस अवधि में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित हो जाते हैं, इस दौरान केवल नाम, जप पूजा पाठ आदि किए जाते हैं. 12 नवंबर मंगलवार को देवोत्थान एकादशी है, जिसे भगवान के जागने के कारण देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है. इसी दिन जगत के पालनकर्ता विष्णु भगवान क्षीरसागर में चार माह के विश्राम के बाद जागे थे, उनके जागते ही उत्सव और मंगल कार्य शुरु हो जाएंगे. हिंदू समाज में इस तिथि का विशेष महत्व है. निर्णय सागर पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 11 नवंबर को सायंकाल 06 बजकर 47 मिनट के बाद से शुरू होकर 12 नवंबर मंगलवार को शाम 04 बजकर 05 मिनट पर पूर्ण होगी. इस प्रकार उदया तिथि के अनुसार 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी.  

दिसंबर में फिर लग जाएगा विराम

देवोत्थान एकादशी से शुरू होने वाले मांगलिक कार्यों में 16 दिसंबर 2024 से खरमास का प्रारंभ होते ही फिर एक माह के लिए विराम लग जाएगा. इस दौरान सूर्यदेव धनु राशि में प्रवेश करते हैं और एक माह तक वहीं रहते हैं. शास्त्रों के अनुसार खरमास में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. शादी विवाह, मुंडन, यज्ञोपवीत, नए वाहन की खरीद, ग्रह प्रवेश और मकान बनाने के लिए नींव रखने के मुहूर्त जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं क्योंकि इन कार्यों की सफलता में संदेह रहता है. इस तरह 12 नवंबर से लेकर 15 दिसंबर तक ही विवाह होंगे. 

इस वर्ष विवाह के केवल 17 मुहूर्त 

इस वर्ष 12 नवंबर से लेकर 15 दिसंबर तक केवल 17 मुहूर्त है,  जिनमें हाथ पीले करने हैं. नवंबर माह में 13, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26, 28 और 30 नवंबर को विवाह कर्म हो सकेंगे. दिसंबर माह में पहला विवाह मुहूर्त 02 तारीख को है, इसके बाद 3,4, 5, 9, 10, 14 दिसंबर को भी मुहूर्त है. 15 दिसंबर को खरमास लग जाएगा.

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