Holi 2025 : रंगों का विशेष त्योहार है होली, यह पर्व धार्मिक है, जो फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष में मनाया जाता है l
Holi 2025 : रंगों का विशेष त्योहार है होली, यह पर्व धार्मिक है, जो फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष में मनाया जाता है l खुशी, आनंद, प्रेम और एकता का प्रतीक होने के साथ यह पर्व हमें आपसी भेदभाव, ऊंच- नीच को भुलाकर एकता और प्रेम से जीने की प्रेरणा देता है।
होली का त्योहार असत्य पर सत्य की विजय और ईश्वर की परम आस्था का पर्व है यह आस्था रूपी विजय को रंगों के रूप में पूरे देश में मनाते है
होलिका दहन क्यों होता है
एक राजा थे, जिनका नाम था हिरण्यकश्यप। वह बहुत ही दुष्ट व अधर्मी राजा था, वह अपने आपको भगवान मानता था, वह अपनी प्रजा से कहता कि तुम श्री हरि विष्णु की उपासना न करके मेरी उपासना करो, मै ही ईश्वर हूं। हिरण्यकश्यप का एक पुत्र था, जिसका नाम था, पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था। हर समय श्री हरि का नाम जप किया करता था। हिरण्यकश्यप भक्त प्रहलाद की भक्ति को देखकर बहुत ही क्रोधित होते थे और श्री हरि का जप करने को मना करते और कहते की भगवान मैं हूं पर भक्त प्रहलाद पर इसका कोई असर न हुआ। तब हिरण्यकश्यप अपनी बहन होलिका से मदद मांगी और प्रहलाद को मारने की योजना बनाई, होलिका जो प्रहलाद की बुआ थी। उसको आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका भक्त प्रहलाद को लेकर जलती हुई चिता में बैठ गई। श्री हरि की कृपा से प्रहलाद के श्री हरि विष्णु के नाम जप का असर हुआ और उसका बाल भी बांका ना हुआ, प्रहलाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर भस्म हो गई इसी के कारण हम पहले दिन होलिका दहन करते हैं , जिससे बुराई रूपी होलिका का अंत हुआ।
होलिका और होली का संबंध
होली का त्योहार असत्य पर सत्य की विजय और ईश्वर की परम आस्था का पर्व है। यह आस्था रूपी विजय को रंगों के रूप में पूरे देश में मनाते है। यह त्योहार पूरे देश में दो दिन तक मनाया जाता है l पहले दिन होलिका दहन होता है, जो बुराई रूपी होलिका को विध्वंस कर समाज में प्रभु के प्रति आस्था को बढ़ाता है। दूसरे दिन सभी लोग इस खुशी को एक दूसरे को रंग लगाकर गले मिलते हैं और इन्हीं रंगों से होली खेलते हैं। होली पर लोग शाम को नए-नए वस्त्र पहन कर दोस्तों व रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं l रंगों और मिठाइयों से एक दूसरे को बधाइयां देते हैं ।
होली के पकवान
होली पर विशेष प्रकार के पकवान सभी घरों में बनाए जाते हैं। यह पकवान कई दिन पहले से ही बनने लगते हैं, लोग कई तरह के पापड़ चिप्स बनाते हैं और कई तरह की मिठाइयां गुजिया आदि बनाई जाती हैं l
वृंदावन की होली
वृंदावन में सभी लोग लठमार होली खेलते हैं और वहां फूलों की भी होली खेली जाती है। कहते हैं कि एक समय श्री कृष्ण गोपियों संग फूलों की होली खेला करते थेl
त्योहार का मर्म
सत्य की जीत और आस्था का त्योहार है होली, जब भक्त सच्ची श्रद्धा भक्ति से प्रभु को याद करते है, तो वो स्वयं भक्त की रक्षा करते हैं। अतः हमें कभी भी चाहे सुख हो या दुख हमे प्रभु का स्मरण नहीं त्यागना चाहिए। इसी कारण होलिका के गलत कर्म ने उसको मिले वरदान के प्रभाव को नष्ट कर दिया और अधर्म व बुराई रूपी होलिका का अन्त हुआ।