इस दिन की शुभ गतिविधियों का आचरण समाज में शाश्वत आशीर्वाद और समृद्धि लाता है। अक्षय तृतीया हिन्दू समाज की परम्पराओं में बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण है।
Akshaya Tritiya 2025 : अक्षय तृतीया एक ऐसी तिथि है जिसमें पूजा और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। अक्षय अर्थात जिसका क्षय न हो। इस दिन की शुभ गतिविधियों का आचरण समाज में शाश्वत आशीर्वाद और समृद्धि लाता है। अक्षय तृतीया हिन्दू समाज की परम्पराओं में बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण है। आप फ्लैट, बंगला, गाड़ी अथवा सोने के आभूषण खरीदने की सोच रहे हैं या फिर किसी तरह का नया प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए किसी से शुभ मुहूर्त पूछने की जरूरत नहीं है। 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया है इस दिन अबूझ मुहूर्त रहता है, यानी इस दिन शुभ कार्यों को शुरू करने के लिए किसी मुहूर्त की जरूरत नहीं होती है। पूरा दिन ही मुहूर्त रहता है। 30 अप्रैल को प्रातः काल से लेकर सायं 04:18 बजे तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा। खरीदारी की शुरुआत रोहिणी नक्षत्र के दौरान करना शुभ माना जाता है। इस दिन सोना, चांदी, या अन्य विशेष वस्त्रों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।
इस तरह करें पूजन
इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन एक साथ करना चाहिए। इस दिन की गई पूजा बहुत ही शुभ फल कारक होती है। लक्ष्मी नारायण का पीले फूलों और वस्त्रों से श्रृंगार करें और पीली मिठाई का भोग लगाएं, ऐसा करना शुभ माना जाता है। एक अविभाज्य नारियल के चारों ओर लाल कपड़ा बांध कर इसे सुरक्षित जगह पर रखना भी शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया के दिन हल्दी की गांठ यानी बिना पिसी हुई हल्दी और सूखा धनिया खरीदना शुभ माना जाता है
करें विशेष खरीदारी और पाएं शुभ फल
अक्षय तृतीया के दिन हल्दी की गांठ यानी बिना पिसी हुई हल्दी और सूखा धनिया खरीदना शुभ माना जाता है। यूं तो हल्दी किचन में सब्जी मसाला के तौर पर इस्तेमाल की जाती है किंतु हल्दी के औषधीय गुणों के साथ ही इसे मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसी तरह धनिया को भी धन का प्रतीक माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन हल्दी की सात या ग्यारह गांठ और खड़ी धनिया खरीद कर अपने पूजा घर में रख दें। ऐसा करने से आपके घर में धन का भंडार अक्षय रहेगा।
इन कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ दिन
नए व्यापार की शुरुआत, तीर्थ स्थल की यात्रा, शादी, गृह निर्माण या गृह प्रवेश आदि जैसे कार्यों के लिए यह तिथि बेहद शुभ मानी जाती है। खरीदारी के लिए भी यह दिन विशेष माना गया है।
अक्षय तृतीया का महत्व
इस दिन परशुराम भगवान का जन्मदिन मनाया जाता है, जिन्हें विष्णु जी का अवतार माना जाता है। बद्रीनाथ धाम के द्वार भी इसी दिन खुलते हैं। इस दिन तर्पण करना और तीर्थयात्रा स्थलों की यात्रा बहुत ही शुभ माना जाता है। पारिवारिक विवाद या कानूनी मुद्दों को हल करने के लिए राम रक्षा स्तोत्र का सात या ग्यारह बार पाठ करने पर सफलता मिलती है। यह एक निरंतर आशीर्वाद का दिन है जो जीवन में शाश्वत समृद्धि और कल्याण लाता है।