Eclipse : संवत 2081 के अंतिम दो ग्रहण, जाने कब कौन सा होगा ग्रहण साथ ही स्पर्श और मोक्ष का समय

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संवत्सर 2081 के अंतिम ग्रहण होंगे। जिनमें से एक ग्रहण होली के दिन और दूसरा ग्रहण नये वर्ष प्रारम्भ होने के महज एक दिन पहले लगेगा।

Eclipse : चैत्र शुक्ल पक्ष की नवरात्रि से हिंदू नववर्ष और नए संवत्सर का प्रारंभ माना जाता है। हिंदू धर्म और रीति रिवाज को मानने वाले लोग बड़ी बेसब्री से इस दिन का इंतजार करते हैं। आगामी तिथि 30 मार्च 2025 रविवार के दिन नववर्ष और नवरात्रि का उत्सव मनाया जाएगा। लेकिन इस नए वर्ष की शुरुआत से पहले चंद्र-सूर्य ग्रहण की स्थिति का सामना करना पड़ेगा जोकि संवत्सर 2081 के अंतिम ग्रहण होंगे। जिनमें से एक ग्रहण होली के दिन और दूसरा ग्रहण नये वर्ष प्रारम्भ होने के महज एक दिन पहले लगेगा। हिंदू कैलेंडर के आधार पर ये साल के अंतिम दो ग्रहण है, जिनके बीच का समय अंतराल सिर्फ 15 दिन है। पूर्णमासी और अमावस्या पर लगने वाला यह ग्रहण भारत में दृश्य होगा या नहीं ? क्या है ग्रहण की तारीख?  ग्रहण काल में क्या करना होगा जप-तप?  इन सभी तरह की कंफ्यूजन इस लेख के माध्यम से दूर होगी। जानते है ग्रहण के विषय में विस्तार से-

क्या है ग्रहण

ग्रहण काल में या उससे कुछ दिन पहले से ही गुरुत्वीय ऊर्जा में कुछ परिवर्तन होता है जिसका असर आत्मा से लेकर पृथ्वी तक पर पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के आधार पर राहु और केतु को ग्रहण के लिए जिम्मेदार माना जाता है, जो कि समय-समय पर सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण लगाते हैं। ग्रहण का असर न केवल देश-दुनिया बल्कि ग्रहण संबंधी राशियों पर भी पड़ता है इसलिए ग्रहण काल के दौरान सभी लोगों को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए। मनोरंजन और निद्रा जैसे कार्यों से बचतें है ईश्वर का ध्यान करना चाहिए क्योंकि संहिता के अनुसार ग्रहण काल साधना के लिए बहुत माना जाता है।

चंद्र ग्रहण की तिथि, स्पर्श और मोक्ष का समय

निर्णयसागर पंचांग के अनुसार इस बार फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च के दिन सुबह 10:36 बजे लगेगी जो अगले दिन 14 मार्च को दोपहर 12:36 तक बजे तक रहेगी। आध्यात्मिक और खगोलीय दृष्टि से 14 मार्च का दिन बेहद खास होने वाला है  क्योंकि इस दिन खग्रास चंद्र ग्रहण होने के साथ ग्रहों के राजा सूर्य मीन राशि में संचरण करेंगे और तो और यह ग्रहण वसन्तोत्सव के पर्व पर लगेगा। यह ग्रहण मध्य एशिया के अधिकांश भाग यूरोप, पश्चिम, अफ्रीका प्रशांत, महासागर, उत्तरी अमेरिका अटलांटिक महासागर, दक्षिणी अमेरिका जैसे क्षेत्रों में दिखेगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण स्पर्श समय सुबह 10:40 जबकि मोक्ष दोपहर 2:00 बजे 18 मिनट पर होगा। यह  ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा।

खगोलीय दृष्टि से यह दिन बेहद खास होने वाला है क्योंकि सूर्य ग्रहण लगने के साथ ही इस दिन अस्त शनि उदय होंगे और मीन राशि में गोचर करेंगे

सूर्य ग्रहण की तिथि, स्पर्श और मोक्ष का समय

हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार साल का अंतिम ग्रहण खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा जोकि 29 मार्च 2025 शनिवार के दिन लगेगा। खगोलीय दृष्टि से यह दिन बेहद खास होने वाला है, क्योंकि सूर्य ग्रहण लगने के साथ ही इस दिन अस्त शनि उदय होंगे और मीन राशि में गोचर करेंगे। यह ग्रहण उत्तरी अफ्रीका पश्चिमी अफ्रीका यूरोप आर्कटिक और अटलांटिक महासागर में दृश्य होगा। भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण स्पर्श का समय दोपहर 02:21 जबकि मोक्ष सायं 06 बजकर 13 मिनट पर होगा। यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में लगेगा।

नहीं मान्य होंगे, यम सूतक के नियम

ग्रहण को लेकर भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, निर्णय सागर पंचांग में स्पष्ट किया है कि 14 मार्च को लगने वाला खग्रास चंद्रग्रहण और 29 मार्च को लगने वाला खंडग्रास सूर्य ग्रहण दोनों ही भारतीय परिक्षेत्र में दृश्य नहीं होंगे। जिस कारण दोनों ही ग्रहण से संबंधित किसी भी प्रकार का यम नियम सूतक आदि मान्य नहीं होगा।

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