मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और मन शुद्ध होता है.
Mauni Amavasya : साल 2025 की पहली अमावस्या 29 जनवरी को पड़ेगी, जो इस बार बुधवार के दिन होगी। माघ मास में पड़ने वाली इस अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मौनी अमावस्या के दिन का विशेष महत्व है क्योंकि मान्यता है कि सुबह मौन रहकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और मन शुद्ध होता है।
आत्मिक शुद्धि का उपाय है, मौन रहना
मौनी अमावस्या पर श्रद्धालु स्नान से पहले तक मौन रहते हैं। यह केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि का उपाय भी है। मौन रहने से व्यक्ति के विचार शुद्ध होते हैं और आत्मिक शांति की अनुभूति होती है। ऐसा माना जाता है कि मौन धारण करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आत्म-विश्लेषण का अवसर मिलता है।
मौन धारण करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आत्म विश्लेषण का अवसर मिलता है
करें इन नियमों का पालन
इस पावन दिन को प्रभावशाली बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करें। 24 घंटे का मौन व्रत धारण करें इससे मानसिक और आत्मिक शुद्धि होती है। बोलकर किए गए जाप की तुलना में मौन रहकर किए गए जाप का प्रभाव कई गुना अधिक होता है। सूर्योदय से पूर्व उठकर गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करें। यदि संभव न हो तो घर पर ही स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद भगवान की पूजा करें और जरूरतमंदों को अन्न वस्त्र और दान दें। इस दिन झूठ बोलने किसी भी प्रकार की नकारात्मकता क्रोध और विवादों से बचें।
भूलकर भी न करें, ये कार्य
नशे का त्याग करें। तंबाकू गुटखा सिगरेट शराब आदि से दूर रहें।
कम से कम इस दिन इनका त्याग अवश्य करें।
शमशान के पास न जाएं विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को शमशान की ओर जाने से बचना चाहिए।
अमावस्या की रात नकारात्मक ऊर्जाएं अधिक सक्रिय होती हैं।
पूरे दिन शांत रहें और किसी भी तरह के झगड़े से बचें
मोबाइल से दूरी बनाएं
यदि आप 24 घंटे का मौन व्रत धारण नहीं कर सकते तो कम से कम बहुत आवश्यक और सकारात्मक बातों को ही कहें। अनावश्यक बातचीत से बचें और मौनी अमावस्या के दिन मोबाइल उपवास भी रखें। मोबाइल से दूरी बनाकर आप अपने मन को शांत कर सकते हैं और आंतरिक ऊर्जा को बेहतर तरीके से संतुलित कर सकते हैं। यह आत्मचिंतन और आत्मसंयम के लिए एक उत्तम उपाय है।
अस्वस्थ लोग, ऐसे करें पालन
जो लोग अस्वस्थ हैं वे भी इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूर्व दिशा की ओर बैठकर ध्यान लगाएं। सूर्य देव का मन से जाप करें और मौन रहकर मानसिक शांति प्राप्त करें।
मौनी अमावस्या केवल एक परंपरा नहीं बल्कि आत्म-शुद्धि और सकारात्मक जीवन जीने की प्रेरणा देती है। इस दिन मौन धारण कर स्नान पूजा और दान करके न केवल मन को पवित्र किया जा सकता है बल्कि यह दिन एक नए आध्यात्मिक सफर की शुरुआत भी बन सकता है।