दीपावली के शुभ अवसर पर वस्तुओं की खरीदारी और पूजा के दौरान रखें ध्यान: विस्तृत मार्गदर्शिका

0
182

Shashishekhar Tripathi 

दीपावली के पावन पर्व पर घर की सजावट और पूजन के लिए खरीदारियां जोरों पर होती हैं. इस खास अवसर पर पूजा की आवश्यक वस्तुओं को सही तरीके से खरीदना और स्थापित करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. यहां हम कुछ महत्वपूर्ण बातों का जिक्र करेंगे, जिन्हें दीपावली की खरीदारी और पूजन करते समय ध्यान में रखना चाहिए.

गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें

लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां अलग-अलग हों: जब भी गणेश जी और लक्ष्मी जी की मूर्ति खरीदें, ध्यान रखें कि दोनों मूर्तियां आपस में जुड़ी हुई न हों. ये मूर्तियां अलग-अलग होनी चाहिए.

लक्ष्मी जी का स्थान: मूर्तियों को स्थापित करते समय ध्यान दें कि श्री गणेश जी के दाहिने हाथ की ओर लक्ष्मी माता को बैठाया जाए. सामने से देखने पर, गणेश जी की दाईं ओर लक्ष्मी माता का स्थान होना चाहिए.

गणपति जी की सूंड का महत्व: गणेश जी की मूर्ति में उनकी सूंड का सही दिशा में होना जरूरी है. उनकी सूंड बाईं ओर मुड़ी होनी चाहिए, क्योंकि दाईं तरफ मुड़ी हुई सूंड तांत्रिक साधना के लिए उपयोगी मानी जाती है. इसके साथ ही सूंड में दो घुमाव भी नहीं होने चाहिए.

गणेश जी के हाथ में मोदक: मूर्ति खरीदते समय यह देखना न भूलें कि गणेश जी के हाथ में मोदक अवश्य हो. यह सुख-समृद्धि का प्रतीक है. मोदक गणेश जी के बाएं हाथ में हो और उनकी सूंड भी मोदक की ओर मुड़ी होनी चाहिए, यह बहुत शुभ माना जाता है.

मूषक की उपस्थिति: गणेश जी के वाहन मूषक की उपस्थिति भी आवश्यक है. मूर्ति में मूषक का होना शुभ होता है.

मूर्तियों का धातु चयन: सोने, चांदी, पीतल या अष्टधातु की मूर्ति लेना सबसे उत्तम होता है और उनकी निरंतर उपासना करना चाहिए. प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति के बजाय मिट्टी की मूर्ति लेना शास्त्रों के अनुसार ज्यादा उचित है.

पुरानी मूर्तियों का पूजन: दीपावली पूजन में पुरानी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों के साथ नई मूर्तियों का भी पूजा में समावेश करना चाहिए.

 लक्ष्मी माता की मूर्ति चुनते समय रखें सावधानी

उल्लू पर सवारी नहीं: लक्ष्मी माता का वाहन उल्लू है, लेकिन मूर्ति खरीदते समय यह ध्यान रखें कि लक्ष्मी जी कमल पर विराजमान हों, उल्लू पर सवार न हों.

आशीर्वाद मुद्रा में लक्ष्मी माता: लक्ष्मी जी की मूर्ति ऐसी होनी चाहिए जिसमें वो कमल पर बैठी हों और उनके हाथ में वरमुद्रा हो, जिससे धन की वर्षा होती दिखाई दे. ऐसी मूर्ति दरिद्रता को दूर रखने में सहायक होती है.

खड़ी लक्ष्मी माता की मूर्ति नहीं खरीदें: खड़ी हुई लक्ष्मी जी की मूर्ति नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि इसे अस्थिरता का प्रतीक माना जाता है. लक्ष्मी जी की ऐसी मूर्ति होनी चाहिए जिसमें वो आराम से बैठकर आशीर्वाद दे रही हों.

दीपावली के अन्य महत्वपूर्ण सुझाव

स्वास्तिक एवं ओम का निर्माण: घर के मुख्य द्वार पर देसी घी में मिश्रित बंदन से स्वास्तिक और ओम का निर्माण करना चाहिए. यह घर में सुख-समृद्धि का प्रतीक होता है.

बंदनवार लगाना: ताजे फूलों और आम के पत्तों से बने बंदनवार का उपयोग करें. दीपावली वाले दिन आप आर्टिफिशियल फूलों से सजावट कर सकते हैं, लेकिन ताजे फूलों का अधिकतम प्रयोग करना श्रेष्ठ माना जाता है.

रंगोली बनाना: घर के मध्य स्थान या ब्रह्म स्थान पर रंगोली अवश्य बनाएं. पूजा घर में रंगोली बनाना विशेष फलदायी होता है और इससे पारिवारिक उन्नति भी होती है.

पूर्वजों की तस्वीरों का सम्मान: घर में रखे पूर्वजों की तस्वीरों पर ताजे फूलों की माला अवश्य पहनाएं. इस विशेष दिन पर आर्टिफिशियल फूलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

दीप जलाना: मिट्टी का कच्चा दीपक लेना चाहिए और दीपावली की रात घी का दीपक जलाना शुभ होता है. 

दीपावली का यह पावन पर्व केवल रोशनी और सजावट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह घर में सुख, शांति और समृद्धि लाने का अवसर है. इसलिए इन परंपरागत और शास्त्र सम्मत बातों को ध्यान में रखकर खरीदारियां करें और पूजा विधि को सम्पूर्णता प्रदान करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here