Krishna Janmashtami 2025 : गूंज उठेगी आंगन में किलकारियां, यदि जन्माष्टमी के खास मौके पर कर लिया ये अचूक उपाय

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संतानहीनता दांपत्य जीवन का सबसे  दुखद पहलू है. यदि कई वर्षों के बाद भी संतान सुख प्राप्त नहीं हुआ है।

Krishna Janmashtami 2025 : संतानहीनता दांपत्य जीवन का सबसे  दुखद पहलू है. यदि कई वर्षों के बाद भी संतान सुख प्राप्त नहीं हुआ है, तो यह पति-पत्नी दोनों के लिए ही रोग न होते हुए भी रोग का कारण बन जाता है. संतान न केवल वंश को बढ़ाती है, बल्कि परिवार के माहौल को भी आनंदित करती है. नन्ही किलकारियों की गूँज से घर के हर सदस्यों से खुशी से झूम उठते है. यदि  संतान प्राप्ति के लिए लगातार प्रयास कर रहे है, तो आज के शुभ दिन यानी जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के लिए उपवास रखते हुए उनका जन्मोत्सव मनाए. जो लोग सच्चे मन से भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को अपनी संतान की तरह मानकर दिन रात सेवा करते हैं, उन्हें भोग लगाते है भगवान उनकी मनोकामना जल्दी पूरे करते हैं. जानते है क्या करें इस विशेष दिन पर

लड्डू गोपाल का करें पूजन

भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को  जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन श्री हरि जी के आठवें अवतार श्रीकृष्ण अवतरित हुए थे. भगवान का गुणगान करते हुए रात्रि बारह बजे शंख तथा घंटों के नाद से गर्भ से जन्म लेने के प्रति स्वरूप खीरे का नाड़ा काट कर भगवान का जन्म करे. इसके बाद जन्मोत्सव मनाते हुए भगवान को पंचामृत और गंगा जल से स्नान करें. चंदन, रोली, माला पुष्प और धूप आदि अर्पित कर कपूर जलाकर आरती करें.

वैजयंती माला और मोर पंख से करें श्रृंगार

श्रीकृष्ण के मुकुट पर मोर पंख, अधरों पर बांसुरी और गले में वैजयंती माला के बिना तो मानों उनका श्रृंगार अधूरा  है. सृष्टि की रक्षा करने के लिए धरती माता ने श्रीकृष्ण को वैजयंती माला श्रद्धा और प्रेम से भेट की थी. मोर पंख को राधा के प्रेम के प्रतीक के रूप में माना गया और बांसुरी की मधुर ध्वनि उनके अलौकिक प्रेम का संदेश देती है. इसलिए  श्री कृष्ण के श्रृंगार के लिए इन चीजों का प्रयोग जरुर करें.  श्रृंगार के बाद उन्हें  चंदन का लेप भी जरुर लगाएं.  

न भूलें पालना झुलाना

जिस तरह से बालक के मन को बहलाने, उसे खुश करने के लिए मां पालने का प्रयोग करती है, ठीक उसी तरह आप भी लड्डू गोपाल के  झूले को सजाकर उसमें बाल गोपाल को बैठाकर झूला झुलाएं. यदि निःसंतान दंपत्ति सच्चे हृदय से बाल गोपाल को झूला झुलाती है, तो भगवान उनकी संतान से जुड़ी मनोकामना जल्दी पूरा करते हैं.

उपवास 

जो लोग श्रीकृष्ण को अपना आराध्य मानते है, वह जन्माष्टमी के दिन उपवास जरूर रखे. जो मनुष्य जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह विष्णु लोक को प्राप्त होता है. 

संतान गोपाल मंत्र का जाप

श्रीकृष्ण का संतान गोपाल मंत्र भी निःसंतान दंपत्ति के लिए बहुत श्रेष्ठकर है. जन्माष्टमी के दिन भगवान की मूर्ति के सामने बैठकर पवित्र भाव जाप करने से मनोकामना पूरी होती है.

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