होलाष्टक के दिनों में वातावरण में नकारात्मकता का प्रभाव रहता है। सभी ग्रहों का प्रभाव नकारात्मक हो जाता है।
Holashtak 2025 : फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि यानी कि होली के आठ दिन पहले से होलाष्टक आरंभ हो जाता है। होली में होलाष्टक का विशेष महत्व होता है। वर्ष 2025 में होलाष्टक का आरंभ 07 मार्च से होना है, जिसकी शुरुआत आज से हो चुकी है। ज्योतिष के अनुसार शुभ समय पर किये गए काम सार्थक होते हैं, इसलिए अक्सर लोग राहुकाल, भद्रा काल और पंचक में शुभ कार्यों को करने से बचने के प्रयास करते हैं। ठीक उसी तरह व्यक्ति को होलाष्टक में भी शुभ कार्य, नए कार्य, मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान कार्यों के खराब होने की आशंका ज्यादा रहती है। क्या है होलाष्टक? कब से कब तक है होलाष्टक और इस दौरान किन कार्यों को करने से बचना है, आदि बातों के विषय में विस्तार से जानते है-
अष्टमी तिथि को चंद्रमा नवमी को सूर्य दशमी को शनि एकादशी को शुक्र द्वादशी को गुरु त्रयोदशी को बुध चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु की ऊर्जा काफी नकारात्मक रहती है
होलाष्टक में क्यों लग जाती है, शुभ कार्यों पर रोक
होलाष्टक के दिनों में वातावरण में नकारात्मकता का प्रभाव रहता है। सभी ग्रहों का प्रभाव नकारात्मक हो जाता है। ऐसे में अष्टमी तिथि को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु की ऊर्जा काफी नकारात्मक रहती है। इसका असर व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता पर भी पड़ता है, जिससे व्यक्ति गलत निर्णय ले सकता है। इसके अलावा इस समय में अगर कोई शुभ काम किया भी जाए तो ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव के कारण आपको उनका सहयोग नहीं मिल पाता। ऐसे में आपका काम बिगड़ सकता है। इन स्थितियों के प्रभाव से खुद को बचाने के लिए प्रभु के नाम का स्मरण करने के लिए कहा गया है।
होलाष्टक के दौरान क्या करें, क्या न करें
वैसे तो होलाष्टक के दौरान सभी तरह के शुभ कार्यों पर कुछ समय के लिए विराम लग जाता है, लेकिन कुछ विशेष कार्य है जिनको करने की पूरी तरह से मनाही होती है। आइए जानते है कि होली के दौरान किन कार्यो को करने से बचना है और क्या करना है जरुरी-
नींव रखना है मना
फाल्गुन मास की अष्टमी तिथि से पूर्णिमा तक नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होने के कारण भूमि, भवन की खरीद, व नींव रखने जैसे कार्यों को करने से बचना चाहिए।
वाहन खरीदारी से बचें
होलाष्टक के दौरान मांगलिक कार्यों की रोक के साथ नए सामान खासतौर पर वाहन खरीदारी करने से बचना चाहिए। हम प्रायः वाहन का प्रयोग यात्रा को सुगम और मंजिल तक पहुंचने के लिए करते हैं, लेकिन गलत समय में क्रय किया गया वाहन के अक्सर खराब होने की आशंका बनी रहती है।
मांगलिक कार्य पूरी तरह से है वर्जित
होलाष्टक से होली तक की अवधि में नए सामान की खरीदारी, विवाह के लिए रिश्ते की तलाश, रोका, छेका या अन्य कोई भी मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए। इस आठ दिनों की अवधि में किसी भी प्रकार का यज्ञ, हवन इत्यादि नहीं करना चाहिए।
नए व्यापार की शुरुआत और नौकरी ज्वाइनिंग से बचें
इस समय ग्रहों में उग्रता का स्वभाव रहता है, इसलिए नए काम की शुरुआत यहां तक की नौकरी ज्वाइनिंग करने से भी बचना चाहिए।
भगवान का स्मरण करें
होलाष्टक के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने के लिए इस दौरान भगवान का अधिक स्मरण करना चाहिए। इन दिनों में पूजा-पाठ बहुत कारगर होती है। होलिका दहन के दिन मंत्रों का जाप करें, इससे अच्छे फल प्राप्त होते हैं।
कब से कब तक है होलाष्टक
7 मार्च से शुरु होने वाला होलाष्टक का समापन होलिका दहन यानी कि 13 मार्च गुरुवार के दिन होगा।