देवताओं के तेजपुंज से प्रकट हुईं देवी को देख कर महिषासुर द्वारा सताए गए देवता बहुत ही प्रसन्न हुए।
Dharam : स्वर्ग में इंद्रदेव को युद्ध में हराकर महिषासुर ने अपनी सेना के साथ कब्जा कर लिया। ऐसे में देवताओं को वहां से भागना पड़ा और सीधे पहुंचे ब्रह्मा जी के पास और उन्हें आगे कर वहां पहुंचे जहां पर विष्णु जी और शिव जी मौजूद थे। तीनों की उपस्थिति में देवताओं ने आपबीती सुनाई कि किस तरह युद्ध में पराजित और अपमानित होने के बाद भाग कर आए हैं। उन्होंने बताया कि महिषासुर ने पूरे स्वर्ग पर अधिकार कर देवताओं को भगा दिया है इसलिए आप लोग उसके वध का कोई उपाय सोचिए।
तेजपुंज से प्रकट हुईं शेर पर सवार देवी
देवताओं की बातें सुनकर भगवान विष्णु और शंकर को असुरों पर बहुत क्रोध आया और भौंहें तन गयीं। इसके साथ ही तीनों भगवानों के मुख से तेज प्रकट हुआ, अन्य देवताओं के शरीर से भी तेज निकला सब मिल कर एक हो गया तो वह तेज पुंज पहाड़ जैसा लगने लगा। कुछ ही देर में वह विशाल तेजपुंज एक महिला के रूप में बदल गया। देवताओं के तेजपुंज से प्रकट हुईं देवी को देख कर महिषासुर द्वारा सताए गए देवता बहुत ही प्रसन्न हुए। इसी बीच भगवान शंकर ने अपना एक शूल निकाल कर देवी को भेंट किया तो भगवान विष्णु ने अपने चक्र से एक और चक्र बना कर देवी को दिया। इस तरह सभी देवताओं ने कुछ न कुछ भेंट किया तो देवी भी अस्त्र शस्त्र से सुसज्जित हो गयीं और एक तेज गर्जना की जिसकी गूंज पूरे ब्रह्मांड में पहुंची और पृथ्वी तक डोलने लगी। शेर पर सवार देवी को देख सभी देवता उनकी जय-जयकार करने लगे।
मारी गयी असुर सेना
देवी के प्रकट होते ही स्वर्गलोक में अचानक खलबली मचने लगी। असुरों की इस स्थिति को देख कर महिषासुर ने अपनी सेना को अलर्ट करने के साथ जोर से आवाज लगाई क्या हो रहा है, इतनी आवाज क्यों आ रही है। फिर जहां से शेर जैसी गर्जना सुनायी पड़ी थी, उस ओर गया तो देवी को देखा जिनके पैरों के वजन से धरती दबी जा रही थी। देवी ने भी सेना के साथ महिषासुर को अपनी ओर आता हुआ देख कर हजारों भुजाएं एक साथ फैला दीं और हर भुजा से अस्त्र-शस्त्र निकलने लगे जिसके चलते भयंकर युद्ध छिड़ गया। महाहनु, असिलोमा, बाष्कल, परिवारित, बिडाल जैसे महाबली असुरों को उनकी सेना के साथ देवी ने पल भर में ही धूल चटा दी और जिनमें से कुछ तो वहीं पर मर गए तो कई बुरी तरह घायल हो कर युद्धभूमि छोड़ कर भागने लगे। इस दृश्य को देख देवता प्रसन्न हुए और फूल बरसाने लगे।