दशहरा के दिन इन उपायों को कर लें निश्चित रूप से आपको मुकदमें में सफलता मिलेगी और शत्रु परास्त होंगे.
Dussehra 2025 : शत्रुओं के कारण बुरी तरह से परेशान हैं, मामला बरसों से कोर्ट कचहरी में चल रहा है किंतु वहां से भी निस्तारण नहीं हो पा रहा है. मुकदमें के कारण पैसा तो खर्च हो ही रहा है अपने साथ पूरे परिवार की शांति चली गयी है तो फिर देरी किस बात की है. अभी से दशहरा की तारीख नोट कर लें. 02 अक्टूबर 2025 को दशहरा के दिन इन उपायों को कर लें निश्चित रूप से आपको मुकदमें में सफलता मिलेगी और शत्रु परास्त होंगे. दरअसल दशहरा के दिन विजय काल होता है जिसे सर्वसिद्ध काल माना जाता है और इस समय कोई भी कार्य करने पर सफलता प्राप्त होती है.
इस वृक्ष के नीचे जला दें दीपक
वनस्पतियों में शमी वृक्ष का बहुत ही महत्व है. दशहरा के दिन शमी वृक्ष के नीचे दीपक जला कर सच्चे मन से प्रार्थना करने पर मामला कोई भी हो सदैव विजय की प्राप्ति होती है और कभी भी पराजय नहीं मिलती है. यदि जमीन, जायदाद, दुकान, नौकरी से संबंधित मुकदमा चल रहा है तो दशहरा वाले दिन इस उपाय को कर दीजिए निश्चित रूप से जीत आपकी ही होगी.
हनुमान जी को इस चीज का लगाएं भोग
यूं तो हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाया जाता है क्योंकि उन्हें यह सबसे अधिक पसंद है. लेकिन आपको विजय की कामना करनी है तो दशहरा वाले दिन श्री हनुमान जी महाराज को गुड़ चना का भोग लगाएं. इसके साथ ही कुछ दक्षिणा भी अर्पित करें, समझ लीजिए कि हनुमान जी महाराज आपको विजय दिलाएंगे.
विजय काल में ही अर्जुन ने शमी वृक्ष से निकालेअपने शस्त्र
जुएं में अपना सब कुछ हारने के बाद दुर्योधन ने पांडवों को 12 वर्ष के वनवास के साथ तेरहवें वर्ष में अज्ञातवास की शर्त रखी थी. तेरहवें वर्ष में उनका पता लगने पर फिर से 12 वर्ष का वनवास भोगना था. इसी अज्ञातवास में अर्जुन ने अपना धनुष तथा अन्य शस्त्र एक शमी वृक्ष पर रखे और स्वयं वृहन्नला बन कर राजा विराट के यहां नौकरी करने लगे. जब गोरक्षा के लिए राजा विराट के पुत्र उत्तर ने अर्जुन को साथ लिया तो अर्जुन ने शमी वृक्ष से दशहरा के विजय काल में ही अपना धनुष और अन्य शस्त्र उतार कर शत्रुओं पर विजय प्राप्त की थी.