Vrat Tyohaar: दिसंबर महीने की शुरुआत मार्गशीर्ष यानी अगहन मास की अमावस्या से होगी. 2 दिसंबर से 15 दिसंबर तक से मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष और फिर 16 दिसंबर से पौष जिसे पूस भी कहा जाता है, का कृष्ण पक्ष आएगा. धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं ही कहा है कि महीनों में मार्गशीर्ष का महीना मैं स्वयं हूं, जबकि पौष मास सूर्य देव की पूजा उपासना के लिए समर्पित माह माना जाता है. दिसंबर माह में मार्गशीर्ष और पौस दोनों ही माह का समावेश रहने वाला है. इसलिए इस माह अगहन और पौष दोनों माह के व्रत त्योहार मनाने का मौका मिलेगा. इस महीने में विवाह पंचमी अर्थात मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का माता जानकी का विवाह उत्सव मनाया जाएगा. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार विवाह दो लोगों का शारीरिक मिलन नहीं बल्कि दो लोगों की आत्माओं और दो कुलों का मिलन होता है. सांसारिक लोग अपने वैवाहिक जीवन की मजबूती, गृहस्थ जीवन में सुख शांति और प्रेम तथा कुल वृद्धि के लिए राम जानकी विवाह उत्सव का आयोजन करते हैं.
धर्म शास्त्रों में लिखा है कि इस माह में दान पुण्य, ध्यान और साधना का विशेष महत्व श्रीमद्भागवत और गीता को पढ़ने या सुनने से मिलने वाला पुण्य कई गुना हो जाता है. भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को उनका आशीर्वाद और कृपा मिलती है साथ ही भौतिक और आध्यात्मिक सुख सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं. इस महीने में गीता जयंती मनाई जाती है. मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र की युद्ध भूमि में गीता का उपदेश दिया था जिसके परिणाम स्वरूप वह कर्म करने यानी युद्ध करने को प्रेरित हुए थे. ज्योतिष शास्त्र में लिखा है कि इस महीने में पूर्णिमा का चांद मृगशिरा नक्षत्र में होता है जिसके कारण माह का नाम मार्गशीर्ष पड़ा. आइए जानते हैं इस महीने की किस तारीख को कौन सा व्रत त्योहार है.