बॉस की नाराजगी के पीछे के कारण और उसे कैसे खुश करें: एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण

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Shashishekhar Tripathi

आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे—क्या कारण है कि बॉस कभी-कभी नाराज हो जाते हैं. कई बार, काम में मन लगाकर भी जब हम अपने उच्चाधिकारियों से तालमेल नहीं बिठा पाते हैं, तो उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में, कई बार वे बिना किसी स्पष्ट कारण के भी हमें क्लास लेते हैं. इस लेख में, हम जानेंगे कि बॉस के मूड में उतार-चढ़ाव का क्या कारण होता है और इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कैसे समझा जा सकता है.

 बॉस का मूड और कुंडली का प्रभाव

कई बार, बॉस के खराब मूड का शिकार हम बनते हैं, जबकि उनके सहयोगियों पर उनकी नाराजगी नहीं होती. यदि आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं, तो जान लीजिए कि इसका संबंध आपकी कुंडली से हो सकता है.

कुंडली में जो ग्रह बॉस की प्रसन्नता या नाराजगी को दर्शाते हैं, वह है सूर्य. जब सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और शुभ ग्रहों से उसका संबंध होता है, तो बॉस हमेशा सकारात्मक रहते हैं. लेकिन यदि सूर्य की स्थिति बिगड़ जाती है या वह पीड़ित हो जाता है, तो बॉस की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब बॉस के साथ तालमेल खराब होने पर नौकरी तक छोड़नी पड़ जाती है.

 पितृदोष का प्रभाव

बॉस का पूरा सपोर्ट न मिलना या उनकी नाराजगी का एक और कारण पितृदोष हो सकता है. यदि कुंडली में राहु और सूर्य की युति हो या सूर्य राहु के प्रभाव में आ जाए, तो यह पितृदोष का निर्माण करता है. यदि यह दोष करियर हाउस से संबंधित हो जाता है, तो जान लीजिए कि बॉस की निगाह हमेशा टेढ़ी रहेगी.

सूर्य की स्थिति और बॉस का व्यवहार

कुंडली में सूर्य यदि नीच का हो जाए या पीड़ित हो जाए, तो बॉस के साथ तालमेल नहीं रहता. इसके अलावा, यदि लग्नेश यानी चित्त के स्वामी को अस्त कर दिया जाए, तो बॉस के व्यवहार में आक्रामकता देखने को मिल सकती है. इसी तरह, यदि करियर हाउस यानी दशम भाव का स्वामी पीड़ित हो और क्रूर ग्रहों के साथ हो, तो भी बॉस की क्रूरता का सामना करना पड़ता है.

 बॉस को प्रसन्न करने के उपाय

अब जानते हैं कि कैसे बॉस को खुश किया जा सकता है. 

  1. ईमानदारी से जिम्मेदारियाँ निभाएं: ऑफिस में जो भी जिम्मेदारी बॉस आपको देते हैं, उसे ईमानदारी से पूरा करें.
  2. ज्योतिषीय उपाय: सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर सूर्य को तांबे के पात्र से जल दें. जल में आधी चम्मच शक्कर, लाल पुष्प, और लाल चंदन (या यदि लाल चंदन न हो, तो रोली) डालकर अर्घ्य दें. ध्यान रखें कि अर्घ्य देते समय जल के छींटे आपके पैर पर न आएं.
  3. समय का महत्व: अपने कार्यों में समय का सही प्रबंधन करें.
  4. पिता की सेवा: अपने पिता या किसी सम्मानित वृद्ध की सेवा करना भी महत्वपूर्ण है.
  5. गायत्री मंत्र का जाप: नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करें. 

इन उपायों को अपनाकर न केवल आप अपने बॉस की नाराजगी से बच सकते हैं, बल्कि उनके साथ एक सकारात्मक संबंध भी बना सकते हैं. आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी.

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