भगवान ने प्रसन्न होकर तप अर्थ वाले “सन” शब्द से जुड़े हुए “सनतकुमार”, ”सनक”, ”सनन्दन” और ”सनातन” रूप में अवतार लिया।
Shri Bhaktamal : श्री सनकादि अवतार की कथा
Shri Bhaktamal : सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मा जी की इच्छा विभिन्न लोकों की रचना करने की थी। इसके लिए ब्रह्मा जी ने अखंड तप कर भगवान को प्रसन्न किया।…