कैलाश पर्वत पर महादेव अपने परिवार के साथ बड़े ही प्रेम व शालीनता के साथ रहते है।
Shiv Parivar : परिवार में अगर चार बर्तन होते है, तो वह आपस में खटकते ही है। यानी कि परिवारिक सदस्यों के बीच वैचारिक मतभेद, कहासुनी होना और आपसी तालमेल बिगड़ना आदि तरह की समस्याएं होना तो आम बात है। समस्याएँ भले ही आम हो लेकिन यहीं छोटी-छोटी बातें ही प्रेम, स्नेह, पारिवारिक एकता को दीमक की तरह धीरे-धीरे खाने लगती है, इसलिए समय रहते इन समस्याओं को दूर कर लेना चाहिए क्योंकि परिवार वह आधारशिला है, जो हमें भावनात्मक समर्थन, आत्मबल को मजबूत और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। जिस परिवार में एकता नहीं होती, वह विघटन एवं विनाश की ओर अग्रसर होते हैं। यदि आप भी इस तरह की समस्याओं से गुजर रहें है, तो एक बार जरुर शिव परिवार को समझने और जानने का प्रयास करें, कि कैसे एक दूसरे के पूरक होने के बाद भी उन सभी में एकता और प्रेम है, जो आम जनमानस को एक साथ रहने के लिए बड़ी सीख दे रहें हैं। आइए जानते है शिव परिवार की महिमा के विषय में विस्तार से-
विषमताओं में संतुलन का है उदाहरण
जिस प्रकार ब्रह्मा जी इस सृष्टि के रचनाकार है। विष्णु जी सृष्टि के पालनकर्ता उसी प्रकार भगवान शिव सृष्टि के संहारक है। सामान्य परिवार की तरह अखंड ब्रह्मांड के स्वामी कैलाशपति भगवान शिव के परिवार में भी माता-पिता, भाई-बहन है। कैलाश पर्वत पर महादेव अपने परिवार के साथ बड़े ही प्रेम व शालीनता के साथ रहते है। शिव परिवार के सभी सदस्य एक दूसरे के शत्रु होने के बावजूद वे बड़े ही शांत और शालीनता के साथ मिलकर रहते है। विभिन्नताओं में एकता और विषमताओं में संतुलन यह शिव के परिवार में एक अद्भुत बात है, जो सभी को एक साथ रहने की सीख देता है।
धरती पर ये सभी वाहन एक दूसरे के शत्रु है लेकिन ये सभी कैलाश पर एक साथ भोलेनाथ के परिवार के रूप में रहते है और कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते
वाहन भी शत्रुता भुलाकर, रहते हैं प्रेम से
शिव परिवार के सभी सदस्य अलग-अलग वाहन पर विराजते हैं। सांप जो भोलेनाथ के गले में आभूषण बनकर शोभायमान होता है। शिव जी के प्रथम पुत्र कार्तिकेय का वाहन मोर है, मोर सर्प का शत्रु है। भगवान गणेश जो शिव जी के दूसरे पुत्र है, उनका वाहन चूहा है, सर्प जो कि चूहे का भक्षण करता है । शिव जी का वाहन नंदी, मां पार्वती का वाहन शेर, जो नंदी का शत्रु है। धरती पर ये सभी वाहन एक दूसरे के शत्रु है, लेकिन ये सभी कैलाश पर एक साथ भोलेनाथ के परिवार के रूप में रहते है और कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते।
वाहन शेर से मिलती है, बौद्धिक मजबूती की सीख
शिव परिवार में मां पार्वती का वाहन शेर जो इन सबमें सबसे ज्यादा शक्तिशाली है, इसका संदेश ये है कि घर की स्त्री की बौद्धिक मजबूती से पूर्ण परिवार शक्तिशाली बनता है।
वाहन नंदी देते हैं, शांति का संदेश
शिव जी का वाहन नंदी है, जो बहुत ही मेहनती व शांत रहता है। नंदी से हमें यह संदेश मिलता है, कि हमें अपनी शक्ति पर घमंड नहीं करना चाहिए और हर स्थिति में शांत रहना चाहिए। ये सभी कैलाशपति शिव के परिवार के सदस्य है जिनमें आपस में अतुलनीय प्रेम है।
शिव परिवार से शिक्षा
शिव परिवार के सभी प्राणी हमे संदेश देते है कि सभी के विचार अलग-अलग होते हुए भी हमें एकता बनाए रखनी चाहिए। अगर हम संयुक्त रूप से रहेंगे तो हमारा आत्मबल बढ़ेगा और जीवन में आई हुई बाहरी कठिनाइयों को आसानी से सुलझा सकते है। अगर परिवार के सदस्य एक दूसरे से शत्रुता रखेंगे तो परिवार टिक नहीं पाएगा, जिससे बाहरी लोग हमारा फायदा आसानी से उठा लेंगे।