वक्री गुरु  का वृश्चिक राशि वालों पर प्रभाव

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वृश्चिक राशि के लिए बृहस्पति आपके सातवें भाव में वक्री हो रहे हैं. यह स्थिति आपके संबंधों और साझेदारियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है. बृहस्पति, जो धन के दो घरों के स्वामी हैं, जब वक्री होते हैं, तो इसके परिणामस्वरूप आपकी वित्तीय स्थिति में कुछ जटिलताएँ आ सकती हैं. इस दौरान, मंगल भी नीच राशि में रहेगा, जिससे स्थिति और जटिल हो जाएगी.

वित्तीय और संबंधों में जटिलताएँ

बृहस्पतिदेव के वक्री होने तक के समय में आपको अपने प्रयासों में वृद्धि करनी पड़ सकती है. जिन लोगों से आपने मदद की थी, उनकी ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल सकता है. इस कारण से आप मानसिक तनाव और निराशा का अनुभव कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, शनि की ढैया भी वृश्चिक राशि पर प्रभाव डाल रही है, जिससे आपके मन में भय और चिंताओं का अनुभव हो सकता है. इस समय आप डिप्रेशन जैसा महसूस कर सकते हैं.

सकारात्मक पहलू

हालांकि, बृहस्पति की दृष्टि आपकी राशि पर भी होगी, जो आपको बल और साहस देने का काम करेगी. इस स्थिति में, आप अपनी समस्याओं का सामना करने के लिए आत्म-विश्वास प्राप्त करेंगे. बृहस्पति तीसरे भाव को भी देखेंगे, जिससे आपको नए अवसरों की प्राप्ति हो सकती है, हालांकि यह भी ध्यान में रखना होगा कि आपको प्रयास अधिक करने होंगे.

आय के अवसर

बृहस्पति की दृष्टि 11वें भाव पर होने से आपकी आय बढ़ाने के लिए अवसर भी मिलेंगे. लेकिन इस दौरान आपको सावधान रहना होगा, क्योंकि जो भी कुछ मिलेगा, वह जटिलताओं के साथ होगा. इसलिए, अपने प्रयासों में स्पष्टता बनाए रखें और उचित उपाय करने का प्रयास करें.

कुल मिलाकर, वृश्चिक राशि वालों के लिए बृहस्पति का वक्री होना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. आपको अपने संबंधों और वित्तीय मामलों में संयम बनाए रखना होगा. साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी आवश्यक है. उपायों के माध्यम से आप इन कठिनाइयों को पार कर सकते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं.

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