मिथुन राशि पर वक्री गुरु का प्रभाव

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मिथुन राशि के लिए बृहस्पति इस समय आपके 12वें घर से गोचर कर रहे हैं, जो कि विदेश, खर्च, धर्म और ज्ञान का भाव है. बृहस्पति आपके कर्म भाव के स्वामी हैं और 12वें घर में बैठने के कारण यह स्थिति आपके कार्यों में कुछ चुनौतियाँ पैदा कर सकती है. यह समय आपके लिए अपने प्रयासों के परिणामों को समझने और संतुलन बनाने का है.

इस अवधि में मिथुन राशि वालों को अपने प्रयासों पर ध्यान देना होगा और समाज की भलाई में योगदान देना होगा. जबकि कुछ चुनौतियाँ सामने आएंगी, सही दिशा में किए गए प्रयासों से आप सफलताएँ प्राप्त कर सकते हैं. इस समय का सकारात्मक उपयोग करें और अपने ज्ञान और धर्म के मार्ग पर चलते रहें.

कार्य और खर्च:  

बृहस्पति का वक्री होना और 12वें घर में होना यह संकेत करता है कि आपके कर्म में कुछ कठिनाइयाँ आ सकती हैं. आपको अपनी मेहनत पर अधिक ध्यान देना होगा, लेकिन परिणाम उतने संतोषजनक नहीं होंगे. घबराने की कोई बात नहीं है; इस स्थिति से निपटने का एक उपाय यह है कि आपके प्रयास केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों की ओर नहीं, बल्कि समाज की भलाई की दिशा में भी होने चाहिए. जब आप समाज की सेवा में अपने प्रयासों को लगाते हैं, तो परिणाम भी बेहतर आते हैं.

विदेश यात्रा और विवाह:  

यदि आपके विदेश जाने की योजना है, तो यह समय आपके लिए बहुत अच्छा हो सकता है. बृहस्पति इस स्थिति में आपको सही दिशा दिखा सकते हैं. हालांकि, विवाह के मामले में यह समय बहुत अनुकूल नहीं है. क्योंकि बृहस्पति आपके सप्तम भाव का स्वामी है और 12वें घर से गोचर कर रहा है, आपको विवाह की तारीख सेट करने के बाद किसी कारणवश उसे स्थगित करने के लिए तैयार रहना होगा.

संबंधों में उतार-चढ़ाव:  

बृहस्पति की दृष्टि सप्तम भाव के स्वामी पर छठे भाव में जा रही है, जिससे आपसी संबंधों में कुछ तनाव आ सकता है. पति-पत्नी के बीच मनमुटाव की संभावना बढ़ सकती है. इसके साथ ही, पुराने रोग और वित्तीय मुद्दे भी सामने आ सकते हैं. 

सामाजिक योगदान और ज्योतिष उपाय:  

याद रखें, समाज की भलाई में आपका भला है. यदि आप दूसरों की मदद करना चाहेंगे, तो आपको खुद के लिए भी लाभ होगा. 

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