Shashishekhar Tripathi
ज्योतिषशास्त्र में अष्टम भाव को आयु भाव या संन्यास भाव कहा जाता है, जो व्यक्ति के जीवन की गहराई, रहस्यों, और अंतर्दृष्टि का प्रतीक है. यह भाव जातक के जीवन में आने वाली कठिनाइयों, अशुभ हालात और मुसीबतों को दर्शाता है. यहाँ हम अष्टम भाव के विभिन्न पहलुओं का विस्तार से अध्ययन करेंगे, जिससे जातक की आयु, स्वास्थ्य और जीवन की दिशा स्पष्ट हो सके.
आयु और जीवन के रहस्य
अष्टम भाव से जातक की आयु का पता चलता है. यदि इस भाव में शुभ ग्रह स्थित हों, तो जातक को लंबी और स्वस्थ आयु प्राप्त हो सकती है. इसके विपरीत, अशुभ ग्रहों की स्थिति में आयु में कमी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं. यह भाव व्यक्ति के जीवन की गहराई और रहस्य को भी दर्शाता है, जो उसके जीवन में आने वाले मोड़ और अनुभवों को समझने में मदद करता है.

शनिदेव और मंगल का प्रभाव
अष्टम भाव का स्वामी ग्रह शनिदेव हैं, जो संन्यास, जीवन के गहरे रहस्यों और अंतर्दृष्टि का प्रतीक हैं. शनिदेव के प्रभाव से जातक को जीवन की वास्तविकताओं का सामना करने की क्षमता मिलती है. कालपुरुष की कुण्डली में अष्टम भाव में वृश्चिक राशि होती है, जिसका स्वामी मंगल है. मंगल की उपस्थिति इस भाव में गहरी ऊर्जा और साहस को दर्शाती है, जिससे जातक कठिनाइयों का सामना कर सकता है.
रोग और स्वास्थ्य के संकेत
अष्टम भाव से रोगों की स्थिति, उनकी वृद्धि और जातक के स्वास्थ्य का आकलन किया जा सकता है. इस भाव से पता चलता है कि जातक किस प्रकार के रोगों का सामना करेगा, उनके आरम्भ और वृद्धि के संकेत भी यहाँ देखे जा सकते हैं. यदि इस भाव में शुभ ग्रह हैं, तो जातक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से दूर रह सकता है.
मृत्यु और जीवन का अंत
अष्टम भाव यह भी दर्शाता है कि जातक की मृत्यु किस प्रकार से होगी. यह भाव जीवन के अंत के गूढ़ रहस्यों को समझने में मदद करता है, जो जीवन की अंतिम यात्रा के बारे में जानकारी प्रदान करता है.
विपरीत राजयोग और गड़ा हुआ धन
अष्टम भाव विपरीत राजयोग और गड़ा हुआ धन (प्रचुर धन-सम्पदा) के संकेत भी देता है. यह भाव दिखाता है कि जातक के पास कौन-कौन से गुप्त संसाधन या संभावनाएँ हो सकती हैं, जिनका लाभ वह आगे चलकर उठा सकता है.
खोज और आविष्कार का भाव
अष्टम भाव गूढ़ अन्वेषण का भाव है, क्योंकि खतरों का सामना करने से ही खोज और आविष्कार होते हैं. यह भाव जातक को जोखिम उठाने और नए अनुभवों को खोजने की प्रेरणा देता है.
विदेश यात्रा और आत्मघात
इस भाव से जातक की विदेश यात्रा की संभावनाएँ भी ज्ञात की जा सकती हैं. इसके अलावा, आत्मघात के संकेत भी इस भाव में देखे जा सकते हैं, जिससे जातक को अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना आवश्यक होता है.
कुण्डली का अष्टम भाव आयु, स्वास्थ्य, रहस्यों और जीवन की गहराई से जुड़े कई पहलुओं का गहन विश्लेषण करता है. इसके माध्यम से व्यक्ति के जीवन में आने वाली कठिनाइयों, स्वास्थ्य संबंधी संकेतों और गुप्त धन के संभावनाओं का आकलन किया जा सकता है. शनिदेव और मंगल के प्रभाव से यह भाव जातक के जीवन के अंतर्दृष्टि, साहस और जीवन के गहरे रहस्यों को उजागर करता है. यदि जातक इस भाव की स्थिति को समझता है, तो वह अपने जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सकता है.



