
Chandra Grahan 2025 : वर्ष 2025 का पहला और अंतिम ऐसा ग्रहण जो संपूर्ण भारत में दृश्य होगा। यह एक खग्रास चंद्र ग्रहण है जोकि इस बार का चंद्रग्रहण भादों महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा अर्थात 07 सितंबर 2025 की रात्रि में पड़ने वाला है। भारत सहित अन्य कई देशों में दिखने के कारण इस ग्रहण में और भी अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है। आइए इस लेख में ग्रहण और सूतक का समय, ग्रहण के दौरान क्या करें आदि जैसी सभी जरुरी बातों को जानते हैं विस्तार से-
ग्रहण और सूतक का समय
निर्णय सागर पंचांग के अनुसार भारतीय समयानुसार ग्रहण का छाया प्रवेश रात 8 बजकर 58 मिनट पर होगा। स्पर्श रात्रि 9 बजकर 57 मिनट और मोक्ष रात में 01 बजकर 27 मिनट होगा। इसका सूतक भारतीय समय अनुसार दिन में 12 बजकर 57 मिनट पर लग जाएगा।
भारत के अलावा यहां भी दिखेगा
यह ग्रहण संपूर्ण भारतवर्ष सहित एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, यूरोप, अंटार्कटिका, पैसिफिक और इंडियन ओसियन में दिखाई पड़ेगा। शास्त्रों के अनुसार जिन स्थानों पर ग्रहण दिखाई पड़ता है वहां पर वेध, सूतक, स्नान, दान, पुण्य, कर्म, यम नियम आदि का पालन लोगों को करना चाहिए।
क्या करें ग्रहण के दौरान
चंद्र ग्रहण के ठीक 9 घंटे पहले सूतक लगता है। इस काल में भोजन, मनोरंजन, निद्रा, अन्य किसी भी तरह के कार्यों को करने की मनाही होती है लेकिन इसमें शिशु, वृद्ध और रोगी को छूट रहती है। इस दौरान घर में बैठ कर ईश्वर का चिंतन स्मरण और जाप करना चाहिए यदि जाप करने की अवस्था में नहीं है तो भजन सुनने या गाने जैसे कार्य भी कर सकते हैं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
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ग्रहण काल में जाप पूजन करते समय सिर पर कपड़ा अवश्य रखना चाहिए।
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भगवान के स्थान में पर्दा डाल देना चाहिए और उनकी मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए इसलिए मंदिर के भी पट बंद हो जाते हैं।
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गर्भवती महिलाओं को अपने पेट पर गेरू का लेप लगाना चाहिए। इससे ग्रहण के खराब प्रभाव नहीं पड़ते हैं।
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शास्त्रों में ग्रहण के बाद दान का प्रावधान दिया गया है तो आप ग्रहण समाप्त होने की सुबह अर्थात् 8 सितंबर के दिन दान जरूर करें।